संज्ञा sangya परिभाषा, भेद,प्रकार, और उदहारण: Noun in hindi
यदि आप सरकारी स्कूल वाले हो या प्राइवेट स्कूल वालें हो आपने कभी न कभी इंटरनेट पर संज्ञा किसे कहतें हैं? और संज्ञा क्या है? जरूर सर्च किये होंगे। तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके सारे सवाल के जवाब देंगे।
संज्ञा की परिभाषा|संज्ञा की परिभाषा क्या है?
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाति या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण -- कमला, पटना, अंगूर, चमेली, हिमालय, गंगा आदि
संज्ञा का अर्थ
संज्ञा का अर्थ है नाम संसार में जितने भी व्यक्ति या वस्तुए है, उनका कोई न कोई नाम अवश्य होता है
• मोहन स्कूल जा रहा है |
• आम में मिठास है।
• मोर नाच रहा है।
ऊपर के वाक्य में 'मोहन' किसी व्यक्ति का नाम है। 'स्कूल' एक स्थान का नाम है। 'आम' एक फल का नाम है। 'मिठास' एक गुण का नाम है। मोर एक पक्षी का नाम है। ये सब प्राणी, पदार्थ, पक्षी, स्थान, भाव आदि के नाम है।
अतः नाम का दूसरा नाम संज्ञा है।
संज्ञा के भेद
संज्ञा के पांच भेद है --
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जतिवाचक संज्ञा
3. द्रव्यवाचक संज्ञा
4. समूहवाचक संज्ञा
5. भाववाचक संज्ञा
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा --
व्यक्तिवाचक संज्ञा से केवल एक ही व्यक्ति या वस्तु का बोध होता है। जैसे _
(क) व्यक्तियों के नाम ~ राम, श्याम, गीता, किरण।
(ख) देशों के नाम ~ भारत, चीन, जापान।
(ग) नदियों के नाम ~ गंगा, यमुना।
(घ) शहरों के नाम ~ रामायण, महाभारत।
2. जातिवाचक संज्ञा --
जातिवाचक संज्ञा से व्यक्तियों या वस्तुओं की पूरी जाति का बोध होता है। जैसे -
(क) मनुष्य ~ लड़का, लड़की, आदमी, औरत, भाई, बहन।
(ख) पशु-पक्षी ~ गाय, घोडा, तोता, मोर।
(ग) वस्तुओं के नाम ~ घर, घड़ी, मेज, कुर्सी, किताब।
(घ) पदों या व्यावसायों के नाम ~ शिक्षक, लेखक, मंत्री।
3. द्रव्यवाचक संज्ञा --
द्रव्यवाचक संज्ञा से उस द्रव्य या पदार्थ का बोध होता है, जिसे हम माप या तौल सकते है, पर गिन नहीं सकते; जैसे -
(क) धातुओं तथा खनिजों के नाम ~ लोहा, सोना, चांदी।
(ख) खाने-पीने की वस्तुओं के नाम ~ दूध, पानी, घी, तेल।
4. समूहवाचक संज्ञा --
जिस संज्ञा से अनेक वस्तुओं या प्राणियों के समूह का बोध होता है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे_
(क) व्यक्तियों का समूह ~ परिवार, संघ, सेना, झुण्ड।
(ख) वस्तुओं का समूह ~ गुच्छा, पुंज, ढेर, श्रृंखला।
5. भाववाचक संज्ञा --
भाववाचक संज्ञा उस नाम को कहते है जो किसी भाव, दशा, धर्म, गुण, या कार्य का बोध कराये। भाववाचक संज्ञा की गणना नही हो सकती। भाव, दशा या गुण की गिनती कैसे हो सकती है? क्रोध या लोभ की गणना कोई नहीं करता। क्रोध, लोभ, मोह, आनंद, यौवन, शैशव, वीरता, लिखाई, पढ़ाई यह सब शब्द भाववाचक है।
ये भाववाचक संज्ञा प्रायः तीन प्रकार के शब्दों से बनती है।
(क) क्रियाओं से ~ काटना से काट, सजाना से सजावट, चलना से चलन, लिखना से लिखावट।
(ख) संज्ञा से ~ बाल से बालपन, मनुष्य से मनुष्यता।
(ग) विशेषण से ~ महा से महिमा, धीर से धैर्य, सरल से सरलतम, गरम से गरमी।
संज्ञा के प्रकार (Declension of Nouns)
संज्ञा शब्द विकारी है | यह तीन कारणों से होता है _
(1) लिंग (2) वचन (3) कारक
(1) लिंग
(क) लड़का दौड़ रहा है।
(ख) लड़की दौड़ रही है।
पहले वाक्य को पढ़ने से ज्ञात होता है कि दौड़ने वाला कोई लड़का है और दूसरे वाक्य को पढ़ने से ज्ञात होता है कि दौड़ने वाली कोई लड़की है। इसमें लड़का पुरुष जाति का बोध कराता है और लड़की स्त्री जाति। अतः संज्ञा के रूप से इस बात का बोध हो संज्ञा स्त्री जाति की है या पुरुष जाति की, इस विशेषता को लिंग कहते हैं ।
लिंग निर्णय
परिभाषा -
लिंग का अर्थ है चिन्ह, अर्थात् वह चिन्ह जिससे शब्दों का स्त्री या पुरुष वाचक लिंग व्यक्त हो।
हिंदी में दो प्रकार के लिंग माने गये हैं।
(क) पुल्लिंग (Masculine Gender)
(ख) स्त्रीलिंग (Faminine Gender)
" पुल्लिंग - पुरुष जाती का बोध कराने वाले संज्ञा शब्दों को पुल्लिंग कहते हैं।
जैसे - राम खाना खाता है।
इसमें 'राम' लड़का है, और वह पुरुष जाती का बोध कराने के कारण पुल्लिंग है।
" स्त्रीलिंग - स्त्री जाती का बोध कराने वाले संज्ञा शब्दों को स्त्रीलिंग कहते है |
जैसे - राधा गाती है।
इसमें 'राधा' लड़की है, और वह स्त्री जाती का बोधक होने के कारण स्त्रीलिंग है।
वचन (Number)
परिभाषा --
संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप से एक या एक से अधिक का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं।
हिंदी में वचन केवल दो होते है _
(i) एकवचन
(ii) बहुवचन
एकवचन -
शब्द के जिस रूप से केवल एक का बोध होता है, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे_
(a) बालक पढ़ता है।
(b) बालिका खेलती है।
(c) घोडा दौड़ता है।
'बालिका', 'बालक' और 'घोडा' एकवचन है, क्योंकि इनमें केवल एक ही बालक बालिका और घोडा का बोध होता है।
बहुवचन -
शब्द के जिस रूप से एक से अधिक का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे-
(a) बालक पढ़ते है।
(b) बालिकाएं खेलती है।
(c) घोडे दौड़ते है।
'बालक', बालिकाएं' और 'घोड़े' बहुवचन है, क्योंकि इनमे एक से अधिक का बोध होता है।
कारक (Case)
परिभाषा -
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका सम्बन्ध वाक्य के किसी दूसरे शब्द के साथ जाना जाए, उसे कारक कहते हैं।
वाक्य में प्रयुक्त शब्द आपस में सम्बन्ध होते है। क्रिया के साथ संज्ञा का सीधा सम्बन्ध ही कारक है।
कारक को प्रकट करने के लिए संज्ञा और सर्वनाम के साथ जो चिन्ह लगाये जाते है, उन्हें विभक्तियां कहते हैं। जैसे - पेड़ पर फल लगते है। इस वाक्य में पेड़ करकीय पद है और 'पर' कारक सूचक चिन्ह अथवा विभक्ति है।
हिन्दी में आठ कारक माने गये है
कारक विभक्तियां
1. कर्ता ने
2. कर्म को
3. करण से, द्वारा
4. संप्रदान को, के लिये, हेतु
5. अपादान से
6. सम्बन्ध का, की, के, रा, री, रे
7. अधिकरण में, पर, विषय में
8. सम्बोधन हे ! अरे ! ऐ ! ओ ! हाय !
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