आपने अक्सर देखा होगा हिंदी महीनो के नाम बहुत कम लोग ही जानते हैं दोस्तों हमारे घर में हमारे दादा- दादी अक्सर
महीनो के नाम को हिंदी में ही गिना करते थे। और आज भी गिनते हैं। इस हिंदी महीनो के नाम को हम इसलिए नहीं जानते क्योंकि हमें बचपन से स्कूल में अंग्रेजी
महीनो के नाम को पढ़ाया गया है और यही पढ़ते आएं हैं। और हम अक्सर भ्रम में रहते हैं। की जनवरी, फ़रवरी इत्यादि महिंनो के नाम हिंदी है। और अपने घर के कैलैंडर में भी सबको यही देखने को मिलता है।
एक साल में 365 दिन होते हैं। और 365 दिन में 12 महीने होते हैं। जिसमे कोई महीना 28 दिन 30 दिन या 31 दिन का होता है। तो आइये इन सभी महीनो के नाम को विस्तार पुर्वक जानते हैं। हिंदी में 12 महीने का नाम क्या है?
हिंदी महीनो के नाम हिन्दू कैलैंडर के अनुसार
Hindu calendar month's name in hindi
1. चैत्र मार्च -अप्रैल
2. बैसाख अप्रैल- मई
3.ज्येष्ठ मई- जून
4. असाढ़ जून जुलाई
5. श्रावण जुलाई अगस्त
6. भाद्रपद अगस्त सितम्बर
7. आश्विन सितम्बर अक्टूबर
8. कार्तिक अक्टूबर नवम्बर
9. मार्गशिर्ष नवम्बर दिसंबर
10. पौष दिसंबर जनवरी
11. माघ जनवरी फ़रवरी
12. फाल्गुन फ़रवरी मार्च
हिंदी महिनों के नाम संस्कृत में ।
1.चैत्र: मार्च -अप्रैल
2. बैसाख: अप्रैल- मई
3.ज्येष्ठ: मई- जून
4. असाढ़: जून जुलाई
6. श्रावण: जुलाई अगस्त
7. भाद्रपद: अगस्त सितम्बर
8. आश्विन: सितम्बर अक्टूबर
9. कार्तिक: अक्टूबर नवम्बर
10. मार्गशिर्ष: नवम्बर दिसंबर
11. पौष: दिसंबर जनवरी
12. माघ: जनवरी फ़रवरी
13. फाल्गुन: फ़रवरी मार्च
हिंदी में ऋतुओं के नाम
ऋतुओं के नाम महिनों के नाम
वसंत ऋतु मार्च- अप्रैल
ग्रीष्म ऋतु मई -जून
वर्षा ऋतु जुलाई -अगस्त
शरद ऋतु सितम्बर -अक्टूबर
हेमंत ऋतु नवम्बर- दिसंबर
शीत ऋतु जनवरी -फ़रवरी
1. पहला माह(चैत्र) - हिंदी कैलेण्डर का प्रथम माह चैत्र है जो कि अंग्रेजी कैलेंडर के मार्च के मध्य माह (14 से 17 तारीख ) से शुरू होता है और अप्रैल के मध्य तक होता है
इस प्रकार हिंदी का सबसे पहला माह मार्च-अप्रेल के मध्य में आता है
2. दूसरा माह (बैशाख) - हिंदी का दूसरा माह बैशाख है जो कि अप्रैल के मध्य माह में शुरू होता है और मई के मध्य तक होता है
इस प्रकार हिंदी का दूसरा माह अप्रैल-मई के मध्य में आता है
3. तीसरा माह (ज्येष्ठ) - ज्येष्ठ जो कि हिंदी कैलेण्डर का तीसरा माह है जो कि मई के मध्य माह (14 से 17) से शुरू होकर जून के मध्य माह तक होता है
इस तरह ज्येष्ठ माह मई-जुन के मध्य में आता है
4. चौथा माह (आषाढ) - आषाढ मास का प्रारम्भ अंग्रेजी कैलेंडर के जून के मध्य माह से शुरू होता है और जुलाई के मध्य माह तक होता है
इस प्रकार आषाढ मास जून-जुलाई के मध्य में आता है
5. पांचवां माह (श्रावण) - श्रावण माह अंग्रजी कैलेंडर के जुलाई के मध्य माह में शुरू होता है और अगस्त के मध्य माह तक होता है
इस तरह श्रावण माह जुलाई-अगस्त के मध्य में आता है
6. छठवां माह (भाद्रपद) - भाद्रपद माह हिंदी पंचांग का छठवां माह है जो कि अंग्रेजी कैलेंडर के अगस्त माह के मध्य में शुरू होकर सितम्बर के मध्य माह तक होता है
इस प्रकार भाद्रपद अगस्त-सितंबर के मध्य माह में होता है
7.सातवा माह (आश्विन) - इस माह को कुँआर के नाम से भी जाना जाता है जो की अंग्रेजी कैलेंडर के सितम्बर माह के मध्य से प्रारम्भ होता है और अक्टूबर माह के मध्य तक होता है
इस तरह आश्विन माह सितम्बर-अक्टूबर के मध्य माह में आता है
8.आठवां माह (कार्तिक) - कार्तिक माह आठवां माह है जो कि अंग्रेजी कैलेंडर के अक्टूबर माह के मध्य से शुरू होकर नवम्बर माह के मध्य तक होता है
इस तरह कार्तिक माह अक्टुबर-नवम्बर के मध्य में आता है
9.नौवां माह (मार्गशीर्ष) - इस माह को अगहन माह के नाम से भी जाना जाता है इस माह का प्रारम्भ अंग्रेजी कैलेंडर के नवम्बर माह के मध्य (14-17 तारीख) से शुरू होता है और दिसंबर के मध्य माह तक होता है
इस प्रकार मार्गशीर्ष नवम्बर-दिसम्बर के मध्य में आता है
10. दसवां माह (पौष) - पौष माह हिंदी कैलेंडर का दसवां माह है जो की दिसंबर माह के मध्य से शुरू होकर जनवरी के मध्य माह तक होता है
इस प्रकार पौष माह दिसम्बर-जनवरी के मध्य में आता है
11.ग्यारहवां माह (माघ) - माघ माह अंग्रेजी कैलेंडर के जनवरी के मध्य माह से शुरू होकर फरवरी के मध्य माह तक होता है
इस प्रकार माघ माह जनवरी-फरवरी के मध्य में आता है
12.बारहवां माह (फाल्गुन) - यह माह हिंदी पंचांग का अंतिम माह होता है जो कि अंग्रेजी कैलेंडर के फरवरी के मध्य माह (14 से 17 तारीख) के मध्य से प्रारम्भ होता है और मार्च महिने मध्य तक रहता है
इस प्रकार फाल्गुन माह फरवरी-मार्च के मध्य में आता है
हिंदी पंचांग के अनुसार माह का प्रारम्भ पूर्णिमा से होता है तथा माह का अंतिम दिन अमावस्या होता है
पूर्णिमा - हिंदी पंचांग के अनुसार पूर्णिमा से माह कि शुरुआत होती है, जिस रात चाँद आकाश मे पूरी तरह दिखाई पड़ता है वह पूर्णिमा है ( जो कि अंग्रेजी कैलेंडर के 14 से 17 तारीख के मध्य में होता है )
अमावस्या - हिंदी पंचांग के अनुसार माह का अंतिम दिन अमावस्या होता है, जिस रात चाँद को आकाश पूरी तरह घेरा होता है और चारों ओर अँधेरा घना अंधेरा होता है वह अमावस्या है
हिंदी पंचांग के अनुसार माह को दो पक्ष मे बांटा गया है
1) शुक्ल पक्ष
2) कृष्ण पक्ष
1) शुक्ल पक्ष - इस पक्ष का प्रारम्भ पूर्णिमा के दिन से होता है और 15 दिन का होता है
2) कृष्ण पक्ष - इस पक्ष का प्रारम्भ सोलहवें दिन से होता है और अमावस्या तक होता है और 15 दिन का होता है
इस प्रकार हिंदी पंचांग मे एक माह को 2 पक्षों में बांटा गया है ।
हिंदी महीनों के नाम और त्यौहार
1. चैत्र - गणेश संकट चतुर्थी, गुड़ी पड़वा, श्री राम नवमी, हनुमान जयंती,
2.बैसाख - गणेश चुतर्थी,परशुराम जयंती,बुद्ध पूर्णिमा,
3.ज्येष्ठ - विंध्यावासनी पूजा, गंगा दशहरा, शिवराज्यअभिषेख दिवस, वट पूर्णिमा,
4.आसाढ़ - दक्षिणायन, वर्षा ऋतू, आसाढ़ अमावस्या, गुरु पूर्णिमा
5.श्रावण - नांगपंचमी, श्रवणपूर्णिमा, रक्षा बंधन, हरियाली तीज
6.भाद्रपद- जन्माअष्टमी, गोपालाअष्टमी, हरितालिका तृतया, गौरी व्रत, अनंत चतुर्दशी, श्राद्ध का आरम्भ
7.आश्विन - आश्विन अमावस्या श्राद का समापन, घटस्थापना, दशहरा, आश्विन पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती, शरद पूर्णिमा,
8.कार्तिक - धन्दर्योदशी,नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा दीपावली, भाई दूज, गुरुनानक जयंती, तुलसी विवाह,
9. मार्गशीर्ष- श्रीदत्त जयंती,
10. पौष- लोहड़ी, मकर सक्रांति
11. माघ - मौनी अमावस्या, बशंतऋतु प्रारम्भ, सरस्वती पूजन
12. फाल्गुन - महाशिवरात्रि, होली, धुलपंचमी,
हिंदी महीनों के नाम का छत्तीसगढ़ी में स्वर्णिम गीत
चैत मास देव सागा पहुना
बैसाख म करे बिहाई
जेठ मॉस देव खातु कचरा
असाढ म करे बोआई
सावन मॉस देव रिमझिम बरसे
भादो न बरस गहराई
कुँवर मास देव पीतर के महीना
कार्तिक म दिया जलाई
अगहन मास देव फसल काटे
पुश म करे मिसाइ
माघ मास देव अमुआ मऊरे
फागुन म रंग धुलाई।।
31दिन वाले महीनों के नाम
जनवरी 31 दिन
मार्च 31 दिन
मई 31 दिन
जुलाई 31 दिन
अगस्त 31 दिन
अक्टूबर 31 दिन
दिसंबर 31 दिन
30 दिनवाले महीनों के नाम
अप्रैल 30 दिन
जून 30 दिन
सितंबर 30 दिन
नवंबर 30 दिन
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