आपस में कुछ कहते जाते हैं कि तुम उल्लू हो, तुम तो बैल हो, या तुम गिरगिट की तरह रंग बदलते हो, या किसी को घर का भेदी (विभीषण), किसी को देश का जयचंद बताते हैं ।

 ऐसे प्रयोगों में उल्लू अज्ञान का, बैल काम या मूर्खता का, गिरगिट अस्थिर मन का, विभीषण घरभेदी का, जयचंद देशद्रोही का प्रतीक है । इस तरह के बहुत से शब्द हैं जिनकी पूरी-पूरी खोज अभी नहीं हुई, परन्तु हमने आपने लिए कुछ प्रसिद्द प्रतीक एकत्र किये हैं । 

कुछ आकृतियां भी प्रतीक होती है, जैसे स्वास्तिक कल्याण का प्रतीक है; किन्तु ये शब्द नहीं हैं, इसलिए इनकी सूची यहाँ नहीं दी जा रही । 

प्रतीक किसे कहते हैं इसके प्रकार उदाहरण भेद चिन्ह का महत्व



(क)  पशु 

         ऊंट  -  बेदौलपन           कुत्ता -  स्वामिभक्त 

        गधा  -  मूर्खता                गीदड -  कायरता 

        घोडा  -  गति                  बंदर  -  अनुकरण 

        बैल  - काम, मूर्खता       भैसा -  तामस वृत्ति    

        लोमडी  -  मक्कारी         शेर    -  साहस 

        सूअर  -  घृणित वृत्ति        हाथी  - विशालता 

(ख)  पक्षी  

    उल्लू   -  अज्ञान      कौआ   -  चालबाज़ी 

    तोता    -  रटंत        गरुड    -  वैभव, तीव्र गति 

    बाज   -  छापामारी    हंस   -  विवेक 


(ग)  प्रशिद्ध पुरुष 

कर्ण   -  दान                  कामदेव - रूपवत्ता

गाँधी -अहिंसावादि          चाणक्य  - कूटनीति 

जयचन्द  -देशद्रोह            त्रिशंकु -  द्विविधा 

दधीचि -आत्मबलिदान    विभीषण - घर का भेदी 

युधिष्ठिर   -  न्यायप्रिय          रावण    -  घमंडी 

  श्रवण कुमार  -  माता पिता का आज्ञाकारी 


(घ)  सर्प 

         नाग   -  क्रोध               शेषनाग  -  काल 

         सांप    -  धोखेबाजी 


(ड)  वनस्पति 

अनार   -  अतिशयता            कमल   -  प्रसन्नता 

गुलाब   -  सौंदर्य                  तुलसी    -  पवित्रता 

पीपल    -  ध्यान                   बरगद    -  सृष्टि 

     बिल्व     -  कल्याण 


(न)  विविध 

कलश   -  जीवन              कौड़ी    -  धन 

चक्र     -  काल, धर्म          चींटी    -  मंद चाल 

नारियल   -  समृद्धि          पत्रपुष्प   -  अन्तःकरण 

पुस्तक   -  साहित्य             बांसुरी    -  आकर्षण 

 रुद्राक्ष    -  पीड़ाहरण          वीणा    -  संगीत 

  शंख    -  सत्त्व                शिवलिंग  -  सम्पूर्णता 

                        हाथ     -  मंगल 


प्रतीक कितने प्रकार के होते है ?  प्रतीक के भेद  

 i. भावोत्प्रेरक प्रतीक - कमल, चन्द्र कुमुदिनी 

 ii. विचारोत्पदक प्रतीक - गांधीजी, विभीषण....

 iii. परम्परागत प्रतीक - हंस....... 

 iv. व्याध्यात्मक प्रतीक - शेर, गीदड़, हाथी.... 

 v. वैयक्तिक प्रतीक - माली, नलिनी..... 

 vi. परम्परामूक्त प्रतीक - सांप, मधुमय बसन्त.... 

 vii. प्रतीकपरक प्रतिक - कमल, चांदनी 

 viii. भावपरक प्रतिक - छायावादी प्रतीक 

व्याकरण से सम्बंधित पोस्ट- समास  संधि

                                   अकर्मक सकर्मक क्रिया 

                                   संज्ञारस,

प्रतीक अध्ययन क्या है ? प्रतीक क्या होता है  

सांकेतिका को अक्सर महत्वपूर्ण मानवशास्त्रीय आयामों सहित देखा जाता है, उदाहरण के लिए, अम्बर्टो इको का प्रस्ताव है कि प्रत्येक सांस्कृतिक घटना का अध्ययन सम्प्रेक्षण के रूप मे किया जा सकता है । तथापि, कुछ लक्षणशास्त्रि विज्ञान के तार्किक आयामों पर ध्यान केंद्रित करते है । 


प्रतीक से क्या तात्पर्य है 

किसी वस्तु, चित्र, लिखितशब्द, ध्वनि या विशिष्ट चिन्ह को प्रतीक कहते है जो सम्बन्ध परम्परा द्वारा किसी अन्य वस्तु का प्रतिनिधित्व करता है 

उदाहरण - नक्शों पर दो तलवार युद्ध क्षेत्र का संकेत हो सकती है ।


जीवन का प्रतीक क्या है 

जीवन एक बहुआयामी विषय है । इसे किसी पैमाने पर मापा नहीं जा सकता इसे समाज/परिवार, धन, शिक्षा तथा दूसरों के प्रति आदर और सम्मान से मापा जाता है । यदि आपके पास धन और समाज मे अच्छे सम्बन्ध है तो आपके लिए सबकुछ सही है यदि इनमें से किसी भी एक का कमी हो जायेगा तो जीवन बेहद मुश्किल हो जायेगा । 


जीवन के प्रतीक क्या है 

जीवन के प्रतीक - आग और पानी है परन्तु यह केवल जीवन देने वाली ही नहीं अपितु जीवन ले लेने वाली भी है। 


प्रतीकवाद का उद्देश्य क्या है 

प्रतीकवाद 19वी सदी के उत्तरार्ध में कविता और कलाओं मे फ्रांसिसी, रुसी और बेल्जियम मूल का कला आंदोलन था, जो मुख्य रूप से प्रकृतिवाद और यथार्थवाद के खिलाफ प्रतिक्रिया के रूप में प्रतिकात्मक छवियो और भाषा के माध्यम से पूर्ण सही का प्रतिनिधित्व करने की माँग करता था । 

      प्रतीकवादी घोषणा पत्र के नाम चार्ल्स, स्टीफन मलार्म और पॉल वार्लीन आंदोलन के तीन प्रमुख कवि थे । 


संकेत सिद्धांत क्या है 

संकेत सिद्धांत का अर्थ है किसी जाती या समुदाय के आपसी बात चित एवं उनके मध्य आपसी संकेत इस सिद्धांत के अनुसार, यह विकासवादी जीव विज्ञान  के क्षेत्र में अध्ययन का एक समूह बनाता है ।

 तथा सुझाव देता है कि किसी भी समुदाय के व्यक्तियों के मध्य संचार प्रक्रिया मे आदान प्रदान किए गए सकेतों का अध्ययन, उनके विकासवादी माध्यम के लिए जिम्मेदार हो सकता है, और इसे अलग करने मे भी मदद कर सकता है । 


प्रतीक और प्रतीक मे क्या अन्तर है 

प्रतीक और प्रतीक मे अन्तर करना बेहद हि आसान है, यदि आपको इस विषय पर ज्ञान हो तो यदि इस बारे  मे ज्ञान न होने की स्थिति में उतना ही मुश्किल कार्य है 

      प्रतीक, किसी शब्दों को बोले जाने पर उसके सम्बन्ध मे जितने दृश्य मन में आते हैं वे उसका प्रतीक है । 

जैसे - युद्ध शब्द से हथियार और वृक्ष शब्द से किसी फल लगे, फुल लगे या पत्तों से घिरे वृक्ष का आकार मन में आता है यह प्रतीक है

 एवं किसी रंग के विषय मे भी यही बात आती है तथा दूसरे प्रकार के प्रतीक मे किसी जानवर के नाम से उसके कर्म/आकर के अनुसार उसकी छबि/आकर आना उसका प्रतीक है 

जैसे - विशालकाय शरीर - हाथी, स्फूर्ति - चिता, मूर्ख - गधा आदि । 


रूढ चिन्ह का क्या उपयोग है ? रुढ चिन्ह किसे कहते हैं 

जिन शब्दों के खंडों का कोई अर्थ न हो, वे रूढ कहलाते हैँ। 

जैसे - कमल शब्द का अर्थ जलज है परन्तु इसके खंडो क, म, ल का कोई अर्थ नहीं है । 

    रूढ चिन्ह से तात्पर्य उन चिन्हों से होता है, जो भिन्न-भिन्न भौतिक और सांस्कृतिक संरचनाओं को दर्शाने के लिए निर्मित किए जाते हैं।  '' यह चिन्ह किसी विशेष संरचना या विशेष संकेत आदि को प्रदर्शित करने के लिए बनाए जाते है और उसी सन्दर्भ मे रूढ हो जाते है, इसलिए इन्हें 'रूढ चिन्ह' कहा जाता है ।'' 

उदाहरण - सड़क के किनारे लगे यातायात निर्देश बोर्ड का अलग-अलग चिन्ह, नक्शा आदि पर नदी, पेड़, तालाब, सड़क आदि को प्रदर्शित करने के लिए बनाये जाने वाले चिन्ह । 


प्रतीक तथा बिम्ब किसे कहते है ? 

प्रतीक - साहित्य में कथ्य या कथन को आकर्षक बनाना ही प्रतीक का मूल उद्देश्य है । प्रतीक के द्वारा वस्तु जगत के पदार्थों तथा स्तिथियों को प्रतीक बनाकर उनके माध्यम से अनुभूति और संवेदना को व्यक्त किया जाता है । 

बिम्ब - 'बिम्ब' शब्द अंग्रेजी के 'इमेज' शब्द का रूपान्तरण है जिसका अर्थ है मूर्त रूप प्रदान करना । 


प्रतीक चिन्ह अर्थ ?   प्रतीको का अवधारणा ? 

प्रतीक - किसी वस्तु, लिखितशब्द, चित्र, ध्वनि या विशिष्ट चिन्ह को प्रतीक कहते हैं जो सम्बन्ध या परम्परा द्वारा किसी अन्य वस्तु का प्रतिनिधित्व करता है । 

उदाहरण - 

  (1) एक लाल अष्टकोण (औक्तगोन ) '' रुकिए '' (स्टॉप) का प्रतीक हो सकता है । 

 (2) दो तलवार (आपस में टकराई हुई) '' युद्ध क्षेत्र '' का प्रतीक हो सकता है । 


प्रतीक का पर्यायवाची ?  प्रतीक का पर्यायवाची शब्द  

 लक्षण, निशानी, निशान, संकेत, चिन्ह, उपलक्ष, लांछन ये सारे शब्द प्रतीक का पर्यायवाची है । 


प्रतीक चिन्ह का महत्त्व 

अंक, संख्या (राशि) के प्रतीक होते है सभी भाषाओं में प्रतीक होते है । व्यक्तिनाम; व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतीक होते हैं । 

उदाहरण - 

  (1) एक लाल अष्टकोण (औक्तगोन ) '' रुकिए '' (स्टॉप) का प्रतीक हो सकता है । 

 (2) दो तलवार (आपस में टकराई हुई) '' युद्ध क्षेत्र '' का प्रतीक हो सकता है । 


प्रतीकवाद का वर्गीकरण ?  प्रतीकवाद क्या है  

मनुष्य के द्वारा सभी बातों को स्पष्ट रूप से बातों के माध्यम से समझाना सम्भव नहीं होता । हमारे जीवन के भाव को सूचित करने या दर्शाने के लिए बातों के साथ-साथ किसी चिन्ह को  निश्चित करना पढ़ता है । यही चिन्ह उस भाव या वस्तु का प्रतीक कहलाता है । 

          प्राचीन काल के योद्धा अपने-अपने ध्वज को पृथक रखते थे जिस प्रकार महाभारत के युद्ध में भीष्म, कर्ण, विकर्ण,  दुर्योधन, युधिष्ठिर, अर्जुन,  गुरु द्रोण, कृपाचार्य, भीम,  अश्वथामा आदि के विभिन्न आकृति वाले रथ , ध्वजों का वर्णन मिलता है । ये ध्वज दूर से ही योद्धा को सूचित कर देते थे । तथा मंदिरों पर ध्वज के नियम हैं । 

    प्रतीकों का श्रेणीविभाजन करते समय कई प्रकार के प्रतीक मिलते हैं जैसे - 

1) पदार्थ प्रतीक     -  शंख, स्वर्ण पाषाणादि । 

2) पुष्प प्रतीक       -  कमल 

3) वाद्य प्रतीक       -  शंख, बंशी, भेरी आदि । 

4) शस्त्र प्रतीक      -  चक्र, धनुष, गदा, त्रिशुल आदि । 

5) रंगों का प्रतीक   -  श्वेत, लाल, हरा रंग भाव सूचक 

6) वृक्ष प्रतीक        -  आंवला, तुलसी, पीपल आदि । 

     प्राणी-प्रतीको में गौ, पृथ्वी क्षमा का प्रतीक । हंस, ज्ञान और निर्णय का प्रतीक तथा सर्प बल और प्राण का प्रतीक है। प्रतीक के द्वारा भी अनेक प्रकार के उद्देश्यों और भावों को प्रकट किया जाता है ।